नई दिल्ली. देश अब अनलॉक होने जा रहा है। वह भी तीन फेज में। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसके लिए शनिवार को नई गाइडलाइन जारी कर दी। इसके तहत 8 जून के बाद होटल, रेस्टोरेंट, शॉपिंग मॉल्स और धार्मिक स्थल खुलेंगे, लेकिन शर्तों के साथ। देशभर में अब सिर्फ कंटेनमेंट जोन में 30 जून तक लॉकडाउन रहेगा। स्कूल-कॉलेज खोलने पर फैसला जुलाई में ही होगा। अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने और सिनेमा हॉल जैसी जगहें आम लोगों के लिए खोलने पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है।
पहला फेज
- 8 जून के बाद ये जगहें खुल सकेंगी
- धार्मिक स्थल/इबादत की जगहें।
- होटल, रेस्टोरेंट और हॉस्पिटैलिटी से जुड़ी सर्विसेस।
- शॉपिंग मॉल्स।
- स्वास्थ्य मंत्रालय इसके लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर जारी करेगा ताकि इन जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रह और यहां कोरोना न फैले।
दूसरा फेज
- स्कूल, कॉलेज, एजुकेशन, ट्रेनिंग और कोचिंग इंस्टिट्यूट राज्य सरकारों से सलाह लेने के बाद ही खुल सकेंगे।
- राज्य सरकारें बच्चों के माता-पिता और संस्थानों से जुड़े लोगों के साथ बातचीत कर इस पर फैसला कर सकती हैं।
- फीडबैक मिलने के बाद इन संस्थानों को खोलने पर जुलाई में फैसला लिया जा सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय इसके लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर जारी करेगा।
तीसरा फेज
इन सर्विसेस को शुरू करने का फैसला बदलते हालात का जायजा लेने के बाद ही होगा।
- इंटरनेशनल फ्लाइट्स।
- मेट्रो रेल।
- सिनेमा हॉल, जिम, स्वीमिंग पूल, एंटरटेनमेंट पार्क, थिएटर, बार, ऑडिटोरियम, असेंबली हॉल और इनके जैसी बाकी जगहें।
- सोशल, पॉलिटिकल, स्पोर्ट्स एंटरटेनमेंट, एकेडमिक, कल्चरल फंक्शंस, धार्मिक समारोह और बाकी बड़े जमावड़े।
बड़ी राहत: लोगों के मूवमेंट पर अब रोक नहीं
राज्यों के बीच और राज्य के अंदर लोगों के मूवमेंट और सामान की आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। इस तरह के मूवमेंट के लिए अलग से इजाजत लेने या ई-परमिट की जरूरत नहीं होगी।
नाइट कर्फ्यू: पूरे देश में रात 9 बजे से सुबह 5 बजे के बीच मूवमेंट नहीं हो सकेगा
इस दौरान जरूरी सेवाओं को छोड़कर किसी भी तरह के मूवमेंट की इजाजत नहीं होगी। इस पर सख्ती से पाबंदी रहेगी। स्थानीय प्रशासन अपने अधिकार क्षेत्र में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत कानून लागू कर सकेंगे।
लॉकडाउन कंटेनमेंट जोन तक सीमित होगा
- कंटेनमेंट जोन में लॉकडाउन 30 जून, 2020 तक लागू रहेगा।
- स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के बारे में जानकारी लेने के बाद जिला अधिकारियों द्वारा कंटेनमेंट जोन तय किया जाएगा।
- कंटेनमेंट जोन में सिर्फ बेहद जरूरी गतिविधियों की इजाजत दी जाएगी।
- मेडिकल इमरजेंसी सर्विसेस और जरूरी सामान और सेवाओं की सप्लाई को छोड़कर इन कंटेनमेंट जोन में लोगों की आवाजाही पर सख्ती से रोक रहेगी।
- कंटेनमेंट जोन में गहराई से कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग होगी। घर-घर जाकर निगरानी की जाएगी। अन्य जरूरी मेडिकल कदम उठाए जाएंगे।
बफर जोन
- राज्य सरकारें कंटेनमेंट जोन के बाहर बफर जोन की पहचान भी कर सकेंगी। ये ऐसे इलाके होंगे, जहां नए मामले आने का खतरा ज्यादा है। बफर जोन के अंदर भी प्रतिबंधों को जारी रखा जा सकता है।
- अपने क्षेत्रों में हालात का जायजा लेने के बाद राज्य सरकारें कंटेनमेंट जोन के बाहर कुछ गतिविधियों को बैन कर सकती हैं या जरूरी लगने पर प्रतिबंधों को लागू कर सकती हैं।