मध्यप्रदेश / 137 अतिकुपोषित बच्चे गोद लिए, गाय का दूध पिलाकर वजन बढ़ाया; 10 बच्चे कुपोषण से बाहर
- मप्र के सागर में डॉक्टर्स, इंजीनियर्स और व्यापारियों की पहल, 30 बच्चों की हालत में सुधार, वजन भी बढ़ा
- तीन महीने में बच्चों के वजन में ढाई किलो बढ़ा, संस्था शहर के 433 अतिकुपोषित बच्चों को भी गोद लेगी
सागर(श्रीकांत त्रिपाठी). मध्यप्रदेश में सागर के डॉक्टर, इंजीनियर और व्यापारियों के समूह ‘सीताराम रसोई’ ने कुपोषण के मामले में बड़ा काम कर दिखाया है। समिति ने न केवल 137 अतिकुपोषित बच्चों को गोद लिया, बल्कि उन्हें हर दिन रसोई और आंगनबाड़ियों में पौष्टिक आहार के साथ गाय का दूध भी उपलब्ध कराया। समिति की इस मेहनत के फलस्वरूप महज तीन महीने के भीतर ही अतिकुपोषित बच्चों के वजन बढ़ने लगे। यह बात महिला बाल विकास विभाग के अफसरों ने भी स्वीकारी है।
विभाग की मानें तो सभी 137 बच्चों के वजन बढ़ने के साथ 30 बच्चे अति कुपोषित से कुपोषित की श्रेणी में आ चुके हैं और 10 कुपोषण मुक्त हुए। बच्चों के वजन में ढाई किलो तक का इजाफा हुआ है। जो काम सरकार करोड़ों खर्च करने के बाद भी नहीं कर सकी, वह समिति ने तीन माह कर दिखाया। वहीं अब यह संस्था शहर में मौजूद सभी 433 अतिकुपोषित बच्चों को गोद लेने जा रही है।
समिति का यह बड़ा प्रयास
समिति के प्रयासों के चलते 40 बच्चों में 600 ग्राम से लेकर ढाई किलो तक और 97 बच्चों में 500 ग्राम तक वजन की वृद्धि हुई है। शहर के लोगों का यह एक बड़ा प्रयास है। भरत सिंह राजपूत, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला बाल विकास विभाग
पैरों पर खड़ा नहीं हो पाता था, अब चलने भी लगा
केस-1 संत रविदास वार्ड निवासी सुमन अहिरवार बताती हैं कि वे और उनके पति मजदूरी करते हैं। पौष्टिक आहार की कमी के चलते उनका बेटा चित्रांश 3 साल की उम्र में भी पैरों पर खड़ा नहीं हो पाता था। सीताराम रसोई ने गोद लिया। तीन माह अच्छी डाइट मिलने के कारण चित्रांश का वजन दो किलो बढ़ गया और वह अब अपने पैरों से चलकर रोज रसोई आता है।
केस-2 संत रविदास वार्ड निवासी आसिया बतातीं हैं कि उनकी बेटी कनाज भी बचपन से अतिकुपोषण का शिकार थी। लेकिन तीन माह तक मिली अच्छी डाइट की बदौलत उसका वजन 6 किलो से बढ़कर 8.5 किलो हो गया है। अब कनाज कुपोिषत की श्रेणी में आ चुकी है। हरनाम और राधिका के वजन में भी ढाई किलो तक की वृद्धि हुई है।